एक उपभोक्ता के तौर पर आपका अधिकार है कि आप किसी भी उत्पाद अथवा कंपनी से जुड़ी सभी नियमों एवं शर्तों के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं.
विश्व भर में 15 मार्च के दिन विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य है कि उपभोक्ता अपने अधिकारों के प्रति सजग हों.
एक उपभोक्ता को इस बात की भी जानकारी होनी चाहिए कि वह अगर किसी भी चीज पर खर्च करा रहा है, तो कहीं उसका नुकसान नहीं हो रहा है.
भारत सरकार देश में ग्राहकों को जागरूक करने के लिए लंबे समय से ‘जागो ग्राहक जागो’ अभियान चला रही है.
कब हुई थी भारत में उपभोक्ता आंदोलन की शुरुआत
भारत में साल 1966 में उपभोक्ता आंदोलन की शुरुआत महाराष्ट्र से हुई थी. इसके बाद साल 1974 में ग्राहक पंचायत की स्थापना के बाद उपभोक्ता कल्याण के लिए संस्थाओं का गठन भी किया गया था.
देश में 9 दिसंबर, 1986 को उपभोक्ता संरक्षण विधेयक पारित किया गया था, उस समय राजीव गांधी भारत के प्रधानमंत्री थे. साल 2020 में इस विधेयक में कुछ संशोधन किए गए, जिसके बाद यह अभियान और मजबूत हुआ.
क्या है उपभोक्ता संरक्षण कानून
केंद्र सरकार ने उपभोक्ता संरक्षण कानून में कई बदलाव किए हैं. इन बदलावों के बाद कंपनियों की अपने विज्ञापन के प्रति जवाबदेही और बढ़ गई है.
इन विज्ञापनों में काम करने वाले कलाकार भी अब विज्ञापन को लेकर पहले से अधिक जवाबदेह होंगे.