Watch “विष्णुप्रयाग & नंदप्रयाग ।। नमस्ते उत्तराखंड vlogs ।। by दौलत सिंह रावत” on YouTube

उत्तराखंड के पंच प्रयाग हैं विष्णुप्रयाग, नंदप्रयाग, कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग और देवप्रयाग। उत्तराखंड के प्रसिद्ध पंच प्रयाग देवप्रयाग, रुद्रप्रयाग, कर्णप्रयाग, नन्दप्रयाग, तथा विष्णुप्रयाग मुख्य नदियों के संगम पर स्थित हैं। नदियों का संगम भारत में बहुत ही पवित्र माना जाता है विशेषत: इसलिए कि नदियां देवी का रूप मानी जाती हैं। प्रयाग में गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम के बाद गढ़वाल-हिमालय के क्षेत्र के संगमों को सबसे पवित्र माना जाता है, क्योंकि गंगा, यमुना और उनकी सहायक नदियों का यही उद्गम स्थल है। जिन जगहों पर इनका संगम होता है उन्हें प्रमुख तीर्थ माना जाता है। यहीं पर श्राद्ध के संस्कार होते हैं।
नंदप्रयाग
नंदप्रयाग एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल एवम् हिन्दू धर्म के प्रसिद्ध पर्वतीय तीर्थों में से एक है। नंदाकिनी तथा अलकनंदा नदियों के संगम[1] पर नन्दप्रयाग स्थित है। यह सागर तल से २८०५ फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां पवित्र संगम स्थल, चंडिका मंदिर, गोपाल जी मंदिर एवम् शिव मंदिर आदि दर्शनीय है। धार्मिक पंच प्रयागों में से दूसरा नंदप्रयाग अलकनंदा नदी पर वह जगह है जहां अलकनंदा एवं नंदाकिनी नदियों का मिलन होता है। ऐतिहासिक रूप से शहर का महत्व इस बात में है कि यह बद्रीनाथ मंदिर जाते तीर्थयात्रियों का मुख्य पड़ाव स्थान होता है साथ ही यह एक महत्वपूर्ण व्यापारिक स्थल भी है। वर्ष 1803 में आई बाढ़, शहर का सब कुछ बहा ले गयी जिसे एक ऊंची जगह पर पुनर्स्थापित किया गया। नंदप्रयाग का महत्व इस तथ्य से भी है यह स्वाधीनता संग्राम के दौरान ब्रिटिश शासन के विरोध का स्थानीय केंद्र रहा था। यहां के सपूत अनुसूया प्रसाद बहुगुणा का योगदान इसमें तथा कुली बेगार प्रथा की समाप्ति में, सबको हमेशा याद रहेगा।

Watch “99 मेगावाट की सिंगोली-भटवारी जलविद्युत परियोजना ।। नमस्ते उत्तराखंड vlogs ।। by दौलत सिंह रावत” on YouTube

उत्तराखरूद्रप्रयाग जिले में 99 मेगावाट की सिंगोली-भटवारी जलविद्युत परियोजना शुरू करने के लिए तैयारी पूरी हो चुकी है।  गढ़वाल हिमालय में इस आधुनिक हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्लांट को सफलतापूर्वक शुरू किया है।’’ सालाना 40 करोड़ यूनिट्स नवीकरणीय ऊर्जा प्रदान करने की क्षमता वाले इस जल-विद्युत संयंत्र के शुरू होने से प्रदेश को काफी मजबूती मिलेगी । यह संयंत्र रूद्रप्रयाग से लगभग 25 किमी दूर उखीमठ के पास चारधाम मार्ग पर स्थित है। यह संयंत्र न्यूनतम उत्पादन लागत पर निर्बाध विद्युत आपूर्ति उपलब्ध करायेगा